बीवी की मौसी का कामरस

क बातें करने के बाद डिनर करके हम घर वापस आ गये।

इसके बाद हमें एक और मौका करीब 1 साल के बाद मिला जब में ऑफिस के काम से वहाँ गया था। मैंने मौका अच्छा समझकर मौसी को फोन किया। मैंने सोचा था कि मेरे बारे में सुनकर वो जल्दी ऑफिस से आ जायेगी और हम आज फिर से मज़े करेगें, लेकिन मेरी किस्मत उस दिन कुछ ज़्यादा ही अच्छी थी। मौसी जी ने कहा कि में तो आज घर पर ही हूँ और में उनके घर के बिल्कुल पास में ही था तो में जल्दी से उनके घर पहुँच गया और उस दिन मौसी जी घर पर अकेली थी और नहाने की तैयारी कर रही थी।

फिर जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला तो में उन्हें देखता ही रह गया, वो सिर्फ़ पेंटी पहने हुए मेरा इंतजार कर रही थी। अब दरवाजा खोलते ही उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अंदर खींच लिया और दरवाजा बंद करते ही उन्होंने मुझ पर किस की बरसात कर दी और झट से मेरे पूरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और सिर्फ़ 1 मिनट में उन्होंने मुझे चूमते हुए पूरा नंगा कर दिया। अब में अभी तक कुछ भी नहीं कर पाया था, लेकिन अब मेरी बारी थी तो मैंने भी मौसी जी को बाहों में भर लिया और किस करते हुए उनकी पेंटी भी उतार फेंकी और गोद में उठाकर उसी रूम में ले गया और उन्हें बेड पर पटककर उनके ऊपर चढ़ गया और उनके पूरे बदन को किस करता हुआ बूब्स और कूल्हों को दबाते हुए उनकी चूत में उंगली करता रहा।

फिर जैसे ही मैंने अपने लंड को चूत के मुँह पर रखा तो वो पीछे हो गई और मेरे लंड को पकड़कर अंदर डालने को मना करने लगी। ये सुनकर में हैरान हो गया और फिर वो बोली कि में अभी तक नहाई नहीं हूँ तो हम बाथरूम में जाकर आज नहाते हुए सेक्स और प्यार करते है। फिर हम दोनों बाथरूम में चले गये। बाथरूम में जाते ही उन्होंने झट से शॉवर चालू कर दिया और मुझे लेकर शॉवर के नीचे बैठ गई और मेरे पूरे बदन पर किस करते हुए मुझे वहीं पर ही लेटा दिया। अब वो मेरे भीगे हुए बदन को अपनी जीभ से चाटने लगी और वो मेरे नंगे बदन से बहते हुए पानी को पीकर अपनी प्यास बुझा रही थी। उनकी इस हरकत से में बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गया और उनके बाल पकड़कर उन्हें अपने ऊपर खींच लिया।

फिर मैंने उन्हें किस करते हुए नीचे फर्श पर लेटा दिया और अब में उनका बदन चाटने लगा और पास में पड़ी बाल्टी से उन पर और पानी डालते हुए अपने बदन को उनके बदन से मसलने लगा। फिर अपने मुँह को उनकी चूत के पास ले जाकर डब्बे से पानी डालते हुए चाटने लगा। में पहली बार किसी की चूत को चाट रहा था और जीभ भी अंदर तक डाल रहा था। अब मौसी जी भी इसका पूरा आनन्द ले रही थी और मुँह से हल्की-हल्की आवाज़े निकाल रही थी। ये सब करते हुए हमें करीब 20 मिनट हो गये थे। फिर हमने उठकर एक दूसरे के बदन को साबुन और शेंपू से अच्छी तरह रगड़ा और अच्छी तरह से साफ़ और चिकना करके वहीं पर ही सेक्स करना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने मुझे एक पट्टी पर दीवार के साथ बैठा दिया और खुद मेरे खड़े लंड पर अपनी चूत को फैलाते हुए बैठ गई। अबकी बार मेरा लंड बड़े आराम से उनकी चूत के अंदर समा गया और वो मेरे से लिपटी हुई ऊपर नीचे होने लगी। इस बीच शॉवर का पानी लगातार हमारे ऊपर पड़ता रहा और हम भीगते हुए एक दूसरे से चिपके हुए सेक्स का मज़ा लेते रहे।

फिर मैंने पोजिशन चेंज करते हुए उनको अपनी गोद में उठा लिया और बाँहो के झूले में झूलाते हुए लंड अंदर बाहर करने लगा। उनके बूब्स आज मुझे अपनी छाती पर कुछ ज़्यादा ही टाईट और मखमली से महसूस हो रहे थे। अब मेरे दोनों हाथ उनकी गांड के नीचे झूले की तरह बने हुए थे और हमारे होंठ एक दूसरे के मुँह में दबे हुए थे। हमारी जीभ भी एक दूसरे के मुँह में मज़े से घूम रही थी और अब मौसी जी की टाँगे मेरी कमर पर कसती जा रही थी और हम आज एक दूसरे में पूरी तरह से समाये हुए थे।

फिर कुछ देर के बाद हम अलग हुए और अपना बदन पोंछकर बेडरूम में आ गये, लेकिन में तो अभी तक भी नहीं झड़ा था तो मैंने मौसी जी को पकड़कर अपना लंड उनके मुँह में दे दिया। अब वो ज़ोरदार तरीके से मेरे लंड को चूसने लगी। आज उनकी चूसने की स्टाईल भी बड़ी टाईट थी और स्पीड भी काफ़ी ज़्यादा थी तो मेरा लंड अब ज़ोर मारने लगा।

फिर मैंने कहा कि मौसी जी अब में झड़ने वाला हूँ तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह से निकालकर फटाफट अपनी चूत में डाल लिया और वो मेरे ऊपर लेटकर ज़ोर-जोर से सेक्स करने लगी। अब वो बीच-बीच में अपनी चूत को भींच भी रही थी, जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था और कुछ ही देर में उनकी चूत में झड़ गया। फिर हम कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को प्यार करते रहे। फिर मौसी जी ने उठकर मेरे और अपने लिए चाय बनाई। इस बीच में भी जाने के लिए तैयार हो गया था। फिर हम दोनों ने चाय पीने के बाद एक दूसरे को खूब किस किया और फिर विदा लेकर में भी घर आ गया, ये मेरी जिंदगी का सबसे लंबा सेक्स टाईम था ।।

धन्यवाद …

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