प्रेषक : अमित …
हैल्लो दोस्तों, आप तो मेरे बारे में जानते ही हो। में अपनी पिछली स्टोरी “ससुर ने अपनी बहु और लता को चोदा” का आगे का भाग ले कर आया हूँ और जैसा कि आप पहले ही पढ़ चुके है कि ससुर और बहुओ की चुदाई कैसे हो रही थी? दोनों बहु अपनी चूत की गर्मी शांत करने में लगी हुई थी और ससुर अपने लंड को शांत करने में लगे हुए थे। अब तो दोनों बहु और दोनों ससुर एक ही घर में चुदाई का खेल खेलना चाहते थे, जिसकी शुरुवात हो चुकी थी और सारी प्लानिंग हो गयी थी। अब तो बस कपड़े ही उतारने बाकी थे। पिछली बार बाबूलाल ने अपनी बहु निमो को चुदाई के लिए राज़ी किया और फिर हरिलाल ने लता को चोदा।
तभी बाबूलाल बोला मेरी जान क्या करूँ? दो दिनों से इसे आराम ही कहाँ मिला है, तभी भाभी बोली आराम क्यों नहीं मिला? तब बहु के बार-बार पूछने पर उन्होंने बताया कि वो और उनका दोस्त हरिलाल उनकी नई नवेली बहु की चुदाई में लगे हुए थे। उसे भी मेरा लंड तेरी तरह बहुत पसंद आ गया है। बहु तुम मेरी एक मदद कर सकती हो तो निमो बोली क्या मदद करनी है? तो ससुर जी बोले अगर तुम हरिलाल से चुदवा लो तो में दुबारा से उसकी बहु को चोद सकता हूँ। मेरी जान उसकी शादी को अभी तीन महीने ही हुए है, सच में उसकी बड़ी कसी हुई चूत है, बिल्कुल वैसी ही कसी हुई है जैसी तेरी शादी के बाद थी। फिर भाभी ने कुछ देर सोचा और कहा कि ठीक है मुझे मंजूर है, लेकिन अगर मुझे तुम्हारे दोस्त का लंड पसंद आ गया तो तुम भी मुझे चुदाई करने से मना मत करना, कोई चिंता नहीं मेरी जान, तुम भी अपनी चूत का पूरा मजा दो। फिर ससुर जी बोले निमो वो कल हमारे घर आ रही है।
में भी बहुत खुश था कि घर में दो चूत और तीन लंड थे। जिसमें से में एक चूत का मजा ले चुका था और भाभी भी खुश थी कि अब एक नये लंड से उसकी चुदाई होगी। फिर अगले दिन हरिलाल और उसकी बहु (लता) बाबूलाल के घर आ गये, जैसा सुना था ठीक वैसे ही लता और उसका ससुर था, दोनों कसे हुए बदन के मालिक थे और लता सेक्स की मूर्ति थी।
फिर सुबह करीब 12 बजे दरवाजा बजने की आवाज़ आई और बाबूलाल ने जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि सामने दोनों ससुर बहु खड़े थे, बाबूलाल दोनों को हॉल में ले आया और आवाज़ लगाई, बहु मेहमान आए है ठंडा लेकर आना।
इस समय लता ने हल्के पिंक रंग की साड़ी और गहरे गले वाला ब्लाउज पहन रखा था। वो गजब की सुंदर लग रही थी। बाबूलाल तो हरी से बात करता-करता लता को कपड़ो के ऊपर से ही चोद लेना चाह रहा था, तभी बाबूलाल की बहु निमो उनके लिए ठंडा ले आई। निमो ने भी हल्की पीली साड़ी और गहरे गले वाला ब्लाऊज पहन रखा था, ताकि पूरी चूचीयों के दर्शन आराम से हो जाए। फिर लता अपनी जगह से उठी और निमो के गले लग गयी। उन दोनों का बदन ऐसा हो गया था कि जैसे उनमें से जल्दी कोई नहीं झड़ने वाला है और बैठ गयी। फिर निमो ने ठंडा उठाकर लता और हरिलाल को दिया, जिसको निमो पहले भी कई बार मिल चुकी थी, लेकिन अब देखने का नज़रिया बदल गया था। अब हरिलाल ठंडा लेते हुए निमो की रसीली चूचीयों को देख रहा था कि कितनी देर के बाद वो उनको चूस पायेगा। फिर बाबूलाल ने निमो से कहा कि बहु जाओ ज़रा लता बेटी को घर तो दिखा दो (घर क्या दिखाना था? बस चुदाई के लिए तैयार करना था) फिर लता उठी और बाबूलाल को तिरछी नज़र से देखा और निमो के साथ चल दी।
फिर निमो उसे रसोई में ले आई और अपनी बाहों में भरकर बोली, क्यों रहा नहीं जा रहा क्या? जो पिताजी को देखती आ रही थी। तो लता बोली क्या करूँ दीदी? मुझे पिताजी ने दो दिन से नहीं चोदा है, ओह तो ये बात है मेरी रानी को खुजली हो रही है। अभी आराम से बैठो कुछ खा पी लो, तो लता बोली दीदी खाने और पीने ही तो आई हूँ पता नहीं कितनी देर बाद मिलेगा। ये तो बता मेरी लता रानी मेरे ससुर (बाबूलाल) का केला खाने में कैसा लगा? अरे दीदी क्या बताऊँ? उनका केला खाने ही तो यहाँ तक आई हूँ। मेरी रानी अब एक बात ध्यान रख, अगर मज़े लेने है तो मेरे ससुर का नाम लेकर ही असली मजा ले पाओगी, वो तुम्हें इतना चोदेंगे की तुम्हारी चूत का तो भोसड़ा बन जायेगा। हाँ दीदी तुम सच कहती हो इन दो दिनों में बाबू ने मेरी इतनी कस कर चुदाई की थी कि मैंने अपने हरी को भी चुदाई के लिए मना कर दिया था, सच दीदी तुम जल्दी से कुछ करो ना।
एक बात तो बताओ दीदी जब बाबूलाल यहाँ नहीं थे, तो तुम्हें भी तो खुजली लगी होगी? लता ने निमो से उसको देखते हुए पूछा, तो निमो कुछ नहीं बोली वो चुप हो गयी, तभी लता बोल पड़ी कि इसका मतलब दीदी तुम किसी और से भी चुदी हो। तब निमो बोली क्या करती प्यास तो बुझानी है मेरी रानी? तुमने भी तो बाबू का लंड लिया ना, चलो अब बाहर चलो, दोनों के लंड हमारी चूत के लिए तड़प रहे होंगे। दीदी तुम बाबू का लंड लोगी या हरी का, तुम बताओ मेरी लता रानी तुम किसका लंड लोगी, दीदी मेरा मन तो बाबू का लेने का है तो फिर तू बाबू का ले ले और में हरी का ले लूँगी। ज़रा पता तो चले कि उसका कैसा है? फिर वो दोनों वहीं रसोई में नीचे बैठ गयी और अपनी-अपनी चूत को अच्छे से धोया, ताकि उसमें से बदबू ना आए। उन दोनों ने अपनी अपनी चूत को क्लीन कर रखा था।
फिर निमो बोली कि लता ये मीठा लेकर चलो, नये काम की शुरुवात जो करनी है, वहीं दूसरी और दोनों दोस्तों ने मिलकर पूरा प्लान बना रखा था कि उन दोनों के रसोई में से आने के बाद उनको प्यार करना शुरू करना है, ताकि जल्दी से दोनों को गर्म करके उनकी चूतो का मज़ा ले सके। उधर वो दोनों भी चुदने को बेताब हो रही थी। फिर वो दोनों मीठा लेकर कमरे में गई और मीठा टेबल पर रख दिया। उन दोनों की बहुओं के बदन से साफ नज़र आ रहा था कि दोनों ने क्या पहन रखा है? फिर वो दोनों अपने-अपने ससुर के साथ बैठ गयी। तभी हरीलाल बोला बेटी ज़रा निमो बहु को भी तो मेरे पास बैठने दो तुम तो रोज ही बैठती हो। तभी लता बोली क्यों नहीं पिताजी? आप निमो दीदी को बैठा लो और वो उठकर बाबूलाल की गोद में जाकर बैठ गयी और निमो ने भी वही किया। निमो भी हरिलाल की गोदी में बैठ गयी और लता ज़रा मीठा तो ले आ। लता उठी और निमो के हाथ में मीठा दिया और खुद ने भी ले लिया। पिताजी ज़रा हरिलाल जी का मुँह तो मीठा करा दो, पहली बार लता को ले कर आए है।
फिर निमो उठी और लता के होठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगी। इधर लता भी निमो का साथ देने लगी और उसकी कमर और चूतड़ पर हाथ फेरने लगी। फिर वो दोनों अपने ससुर को गर्म करने लग गयी। फिर वो दोनों अपनी जगह से उठे और एक दूसरे की बहु को पीछे से पकड़ लिया। फिर बाबूलाल बोला क्यों तरसा रही है मेरी रानी? मेरा भी तो मुँह मीठा करा दे तो लता बोली मैंने कब मना किया है मेरे राजा, अभी लो। फिर वो हाथीजाम और एक रसगुल्ला अपनी चूचीयों के बीच में रखकर बाबूलाल के मुँह तक ले गयी, लो पिताजी मीठा खा लो। तो बाबूलाल ने बिना देर किए लता को अपनी बाहों में लेकर उसकी चूचीयों पर रखा रसगुल्ला खा लिया और बोला कि बहु तेरा तो ब्लाउज इसके रस से गीला हो गया है, तो क्या हुआ? में अभी इसे उतार देती हूँ। इतना कहकर उसने अपनी पिंक साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और ब्लाउज के हुक को पीछे से खोलने की कोशिश करने लगी, क्यों तुम मेरे हुक नहीं खोल सकते क्या? अगर कहीं मीठा लगा रह गया हो तो पूरा चाटकर मेरा पूरा रस पी जाना।
इधर हरिलाल का भी हाल बुरा था, निमो ने भी रसगुल्ला अपने होठों में दबाकर हरिलाल को खिलाया और रस दोनों के कपड़ो पर गिर गया। ये क्या? आपने तो मेरे कपड़े ही खराब कर दिए? तो क्या हुआ निमो इनको बदल लो? फिर निमो भी अपनी पीली साड़ी उतारने लगी और ब्लाउज के हुक पीछे होने के कारण निमो भी वही बोली कि क्यों तुम मेरे हुक नहीं खोल सकते क्या? फिर उन दोनों ने ब्लाउज के हुक खोलने के साथ ही उन दोनों के उभरती कसी हुई चूचीयों को दबा लिया और मसलने लगे। अब उन दोनों के मुँह से सिसकारियां निकल रही थी आआआआआआअहह आआआआा ऊऊऊऊऊओ आराम से करो। फिर वो बोली कि आप ये क्या कर रहे है? आपको शर्म नहीं आती? आप किसी दूसरे की बहु के साथ ऐसा नहीं कर सकते। दूसरे की कहाँ मेरी रानी, वो भी तो मेरी बहु के बोबे दबा रहा है।
तभी लता बोली कि बाबू मीठा कैसा लगा। अब हॉल में दो लंड और दो जवान और कमसिन चूत थी। कमसिन इसलिए कि अभी उन दोनों बहु की शादी हुए कुछ ही महीने हुई थे। उन दोनों बहुओं के ब्लाउज उतर चुके थे। अब उन दोनों के कबूतर मसलने और चूसने के लिए आज़ाद थे। फिर बाबूलाल ने लता की और हरी ने निमो की साड़ी और पेटीकोट दोनों को ही जल्दी से उतार दिया ताकि वो उनकी नंगी जवानी का मज़ा ले सके। अब लता बाबूलाल के आगे ऐसी लग रही थी कि मानो किसी आदमी की गोद में कोई बच्चा दे दिया हो, क्योंकि बाबूलाल 6 फुट का और लता 5 फुट 2 इंच की थी। अब बाबूलाल ने तो उसे अपनी बाहों में भरकर उठा लिया, अब उसकी दोनों चूचीयों को बाबूलाल के होंठ चूस रहे थे। अब लता ने भी अपनी दोनों गोरी नंगी टाँगे बाबू के दोनों और लपेट दी थी। दोस्तों ये कहानी आप हिंदी चुदाई स्ट्रोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
इधर हरी ने भी निमो को पूरा नंगा कर दिया था। अब वो दोनों हाथों से उसकी चूचीयों को मसल रहा था। अब उन दोनों बहुओं के मुँह से आअहह अहहह आहाहहहाः की आवाज़ आ रही थी। अब हरी ने निमो को दीवार के साथ लगा दिया और अपनी बाहों कस लिया। फिर काफ़ी देर तक बाबूलाल लता को और हरी निमो को चाटता रहा। अब निमो ने बिना किसी शर्म के हरी के कपड़े उतारने शुरू कर दिए। अब उसको देखकर लता ने भी बाबूलाल के कपड़े उतार दिए। जब दोनों केवल अंडरवेयर में थे तो उनका 7 इंच और 8 इंच के लंड खड़े हो चुके थे। अब उन दोनों ने एक दूसरे के ससुर के अंडरवेयर के ऊपर से ही लंड सहलाना शुरू कर दिया था। फिर उन दोनों ने लंड को ऊपर से चूमना शुरू कर दिया। तभी अचानक से निमो ने लता को इशारा किया और ये क्या एक ही झटके में वो दोनों नंगे खड़े थे? अब कमरे में दो नंगी और दो नंगे। वो भी तने हुए लंड के साथ, तभी उन दोनों ने अपने-अपने लंड मुँह में भर लिए और चूसने लगी। अब अंदर का नज़ारा अच्छा लग रहा था। अब लंड मुँह के अन्दर आगे पीछे हो रहे थे और पच पच की आवाज़ से पूरे हॉल में आवाज़ आ रही थी।
तभी निमो ने लंड बाहर निकाला और बोली पिताजी हम आपके और मेरे कमरे में चलते है, अगर कोई आ गया तो भी हमें कोई ख़तरा नहीं होगा। तुम ठीक कहती हो बहु ये कहकर बाबूलाल ने भी अपना लंड बाहर निकाला और टावल लपेट कर मेन गेट लॉक करने चल गया और वो तीनों निमो के कमरे में चले गये। तभी मौके का फ़ायदा हरी ने उठाया और दोनों बहुओं की नंगी जवानी को अपनी बाहों में भर लिया। फिर लता बोली पिताजी अब तो ठीक है निमो दीदी तुम्हारी बाहों में है अच्छे से चोदना। चिंता मत कर मेरी रानी इसको भी तेरी तरह अपना लंड पूरा खिलाऊंगा, ये कहकर निमो को आगे से पकड़ लिया। हरी का लंड अब निमो के पेट में धंस रहा था। मेरी रानी अब तो ये लंड तेरे लिए है ज़रा इसको प्यार तो कर ले, इतनी जल्दी क्या है? अभी पिताजी को आने दो, वो भी देखे कि उनकी बहु दूसरे लंड को कैसे चूसती और चुदवाती है? में तुम्हें खुश कर दूँगी मेरे राजा। तभी बाबूलाल भी आ गया। कमरे में नीचे बिस्तर लगा था और पलंग भी तैयार था, दो कुर्सी, दो टेबल और तेल का पूरा इंतज़ाम था।
अब बाबूलाल ने टावल हटाया और अन्दर कमरे में आते ही लता को अपनी गोद में उठा लिया और इधर हरीलाल ने भी निमो को कुर्सी पर बैठाकर अपनी गोद में बैठा लिया। अब लता ऐसी लग रही थी कि जैसे किसी हाथी की गोदी में कोई बच्चा बैठा हो। उन दोनों के लंड चूसने के कारण गीले थे, अब लता अपनी दोनों टाँगे चौड़ी करके बाबूलाल की गोद में थी, तो बाबू बोला कि मेरी लता रानी में तेरी चूत में लंड डाल रहा हूँ, अपने एक हाथ से अपना लंड पकड़। फिर 8.3 इंच का सुपाड़ा लता की रसीली और गीली चूत पर रखकर एक जोरदार झटका दिया और लंड का आधा भाग चूत के अंदर घुस गया, तो लता चिल्ला पड़ी, आआआहमम्म्मममआआआआआ औरररर हह्ह्ह्ह में गयी। साले फाड़ दी, मार डाला, आराम से नहीं चोद सकता। फिर हरी ने भी लता की हालत को देखकर निमो को अपने 7.3 इंच के लंड पर बैठाकर उसने भी एक ही झटके से निमो को नीचे खींच लिया। निमो भी चिल्ला पड़ी, हाआआआआआईईईईईईई में मर गयी, कुत्ते तूने भी बदला ले लिया।
तभी बाबूलाल ने मेरे बारे में पूछ लिया तो निमो बोली पिताजी, वो शाम तक आने को कहा गया है। फिर क्या था? बाबू को जोश आ गया, लता रानी अब में तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा, तेरा पति भी बोलेगा कि ये मेरी बीबी की चूत है या कमरा है। अब हरी मेरी बहु की चूत फाड़ेगा, तो क्या में निमो की चूत छोड़ दूँगा? कई दिनों से साली की चूत के लिए तरस रहा था, अब मिली है और निमो को ऊपर नीचे करने लगे। अब कमरे में चारों तरफ आवाज़ गूंज रही थी, आअहह आहह हाइईइ में मररर गयी, आराम से थोड़ा तेल लगा लो, ह्ह्ह्हह मेरी रानी, तेरी चूत में कितना पानी है, मेरे राजा बजा मेरी चूत का बाजा, में भी आराम से अपने कमरे में ये से सब देख रहा था। मेरा कमरा बंद था।
अब बाबू अपने हाथों से लता की चूत को ऊपर नीचे कर रहा था। फिर धीरे-धीरे लंड पूरा लता की चूत में समा गया। निमो भी पूरा लंड अंदर ले चुकी थी। अब बाबू पास में आया और देखा कि तेरी बहु मेरा पूरा 8 इंच लंड खा चुकी है, अभी इसकी गांड भी मारनी है, तू चिंता क्यों करता है? तब ही देखा तो निमो भी मेरा पूरा लंड खा चुकी है। फिर निमो बोली पिताजी आपको मेरे चुदवाने में कोई ऐतराज नहीं है ना, कोई बात नहीं मेरी रानी मजे से चुदवा। फिर थोड़ी देर के बाद दोनों ने निमो और लता को बिस्तर पर लेटाया और टाँगे चौड़ी कर दी। सच में वो क्या नज़ारा था? दोनों की टाँगे ऊपर की तरफ उठी हुई थी। गोरी चूत, चिकनी सुडोल टाँगे, साफ नज़र आ रही थी। अब दोनों ने अपना-अपना लंड बहुओं के मुँह में दिया और लंड चूसते हुए उनकी चूत को चूसा, उसके बाद दोनों ने लंड को सीधा चूत के अंदर बिना किसी रहम के घुसा दिया तो वो दोनों ही चिल्ला पड़ी और बोली कि हाय मार डाला। फिर उन दोनों को एक और जोर का झटका मारा और दोनों बहु, आआहह उहह इहह करके सिसकियाँ लेने लगी, वो जितनी सिसकियाँ लेती उतने ही तेज़ झटके से उनकी चुदाई हो रही थी और पूरे कमरे में छप छप की आवाज़ भी हो रही थी।
अब लता और निमो दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रही थी कैसा लगा दीदी? तुम बताओं लता, मुझे तो मजा आ रहा है और मुझे भी मजा आ रहा है। अब उन दोनों की चूत लंड के गाड़े पानी से भर गयी थी और अब उन दोनों ने अपने लंड बाहर निकाले और अब वो चूत के पानी को चाट रहे थे। फिर वो दोनों खड़ी हुई और फिर से लंड चूसने लगी। अब गर्म-गर्म पानी दोनों की चूत से बह कर नंगी जांघो पर आ गया था और नज़ारा और भी सेक्सी हो गया। फिर लता बोली दीदी क्यों ना कुत्तिया या घोड़ी बना जाए? अब वो दोनों अपने घुटनों के बल बैठ गई और उन दोनों ने पीछे से आकर एक बार फिर से चूत की चुदाई करनी शुरू कर दी। हरी ने चुदाई के साथ ही बाबूलाल के हाथ में मक्खन दिया और कहा कि लता की गांड में डाल दे, ये कहकर निमो की गांड में मक्खन घुसा दिया और आराम-आराम से अपनी उंगलियों से गांड की मालिश करनी शुरू कर दी। फिर थोड़ी देर के बाद हरी ने चूत से लंड निकालकर उसकी गांड के मुँह पर अपना सुपाड़ा रखा।
इधर बाबूलाल ने भी वही किया और एक साथ धीरे-धीरे लंड अंदर करना शुरू कर दिया। फिर थोड़ी देर में दोनों के लंड उनकी गांड में आधे घुस चुके थे। अब गांड मारी जा रही थी। में इधर सिर्फ देख सकता था और कुछ नहीं, उधर कमरे में मादक सिसकियां, आवाजें, चूचीयों का दबाना, लंड गांड में आना जाना, वो दोनों पूरे जोश से अपनी बहुओं की गांड मारे जा रहे थे। ले मेरी कुत्तिया मजे से ले, तेरा पति भी क्या तुझे चोदेगा? आज में तेरी चूत फाड़ दूंगा। फिर थोड़ी देर के बाद वो दोनों गांड में आह आह आहह मेरी रानी में आ रहा हूँ आअहह आहाहह कहते हुए अंदर ही झड़ गये और वही लेट गये।
अब निमो और लता दोनों की चूत और गांड वीर्य से भर गयी थी और वो चारों बहुत खुश थे और वो वहीं लेट गये, चुदाई अब रुक गयी थी। अब दोनों बूढ़े सो गये। फिर निमो ने लता को उठाया और उसको बाहर ले आई, जहाँ दोनों ने एक दूसरे की चूत और गांड को अच्छे से धोया। तब निमो बोली सच बाबूजी सही कह रहे थे कि लता की चूत मेरी जवानी की चूत जैसी ही है, सच तुमको तो बड़ा मज़ा आया होगा। तुम बताओ दीदी तुम्हें हरी का कैसा लगा? सच मेरी जान में मेरे ससुर के कारण हरी से चुदवा रही थी, ताकि वो तुम्हें अच्छे से चोद सके में तुमको दो तीन दिन यहीं पर रखूंगी ताकि बाबूजी दिन रात तुम्हारी चुदाई कर सके, हाँ दीदी तुमने तो मेरी दिल की बात कह दी। में आपसे यही कहना चाहती थी। चिंता मत कर रानी तेरी चूत में मेरे ससुर के लंड का पानी जायेगा। फिर दोपहर को वो दोनों हरीलाल और बाबूलाल उठे और फ्रेश हो कर बाहर चले गये।
फिर शाम को दोनों के ससुर नई साड़ी ले कर आए। उन्होने दोनों को नये कपड़े दिए और कमरे में चले गये। फिर रात को जल्दी खाना खाकर पूछा कि अमित कहाँ है, तो निमो बोली कि वो रात को नहीं आयेगा। तभी बाबूलाल ने कहा कि निमो तुम दोनों आज हमारी दुल्हन बनोगी और हम दोनों तुम्हारे पति बनेंगे। फिर रात को दोनों ने एक दूसरे की बहुओं की माँग में सिंदूर भरा और अपनी पत्नी बनाकर खूब चुदाई की। फिर करीब रात 1 बजे दोनों ढेर हो गये, तभी में कमरे में आ गया और फिर में बोला अंकल आप दोनों ने तो अपने-अपने लंड की भूख मिटा ली, अगर बुरा ना मानों तो में भी तुम्हारी इन बहुओं की चूत और गांड मारकर अपने लंड की भूख मिटा लूँ। तो वो कुछ नहीं बोले और बिना टाईम खराब किए मैंने पहले लता की और बाद में निमो की चूत और गांड मारी।
फिर मैंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। में तो कई दिनों से ये चुदाई का खेल देख रहा था और मुझे तो मौके की तलाश थी। फिर वो दोनों कुछ नहीं बोले। फिर अगले दिन हम सुबह-सबह सो कर उठे तो कमरे में सब नंगे ही थे। लता रानी बाबूलाल से और निमो हरिलाल के लंड पर लेटी हुई थी कि तभी फोन की घंटी बजी हैल्लो में रमेश बोल रहा हूँ पिताजी में कल शाम को घर आ जाऊंगा, ये कह कर फोन रख दिया। तभी में बोल पड़ा जितना इन दोनों की चूत का मजा लेना है, कल सुबह तक ले लो, क्योंकि रमेश के आने के बाद बहुत मुश्किल हो जायेगा। फिर हम तीनों मर्दो ने मिलकर कभी लता को तो कभी निमो की हर स्टाईल में हर छेद की चुदाई कर डाली ।।
धन्यवाद …